एक संदेश
‘‘दूरदर्शिता एवं नई सोच‘‘
आज समाज को ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो पौराणिक सभ्यता को समेटे हुए आधुनिक तर्कों के माध्यम से बालक/बालिकाओं में में नयी सोच जागृत करें , एक ऐसी शिक्षा जिसमें मानव का समुचित विकास हो ।
विकास के इस युग में शिक्षा एक ऐसी जरूरत है जिसके बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती हम यह कह सकते हैं कि शिक्षा मानव के सामाजिक ,मानसिक तथा बौद्धिक विकास की नींव है और इसे मजबूत करने के लिए हमें प्रयत्नशील रहना होगा । हमें अपनी सोच की दिशा को बदलना होगा एक ऐसी शुरूआत करनी होगी जिसमें हमारे संस्कार के साथ आधुनिक जीवन के विभिन्न सोपानों का समावेश हो । संस्कारों को नयी शिक्षा पद्धति में स्वीकार करना होगा क्योंकि संस्कारित शिक्षा के द्वारा ही समाज का विकास सम्भव है ।
आज हमारा पहला कर्तब्य बनता है कि अपने बालक/बालिकाओं को ऐसी शिक्षा दें जिससे उनकी सोच को नयी दिशा मिल सके । इतना ही नही उनके अन्दर स्वाबलम्बी बनने की भावना जागृत करनी होगी , एक ऐसी विश्वस्तरीय शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी जिसमें ज्ञान ज्ञान के साथ ही रोजगार की भी सुविधा हो । हमने प्रयास किया है कि संस्था के प्रत्येक छात्र/छात्रा को एक उद्देश्य परक शिक्षा मिले जिससे उनके विकास को नयी राह मिले ।
सम्पूर्ण समाज के विकास का उद्देश्य के लिए कान्ती सेवा संस्थान के द्वारा महाविद्यालय की स्थापना हुयी जिसका एक मात्र सपना छात्र/छात्राओं को उनके कर्तब्यों, उनके आदर्शो,उनके अधिकारों तथा परम्पराओं के साथ ही एक दूरगामी सोच, एक नयी दिशा का बोध कराये जिससे समाज ही नही पूरे राष्ट्र का विकास हो और भारत शिक्षा के आकाश में ध्रुव तारा की तरह हमेशा जगमगाता रहे ।
आपका-
राष्ट्रकंुवर सिह
प्रबंधक
श्रीमती इन्दिरा गांधी पी0जी0 कालेज
डुमरी मर्यादपुर मऊ